ॐ नमो अरिहताणं। अरे अरिणी मोहिनी। ‘अमुकी’ मोहय मोहय स्वाहा। ॐ नमो कामाख्या देवी नमो वश्य्मे कुरु कुरु स्वाहा विधि: शनिवार की रात्रि में इस मन्त्र का एक सौ एक जप करें। मन्त्रजप के समय घी का दीपक जलता रहे। गुग्गुल की धूनी दें तथा पुष्प और मिठाई प्रसाद के https://franciscozpfuj.anchor-blog.com/18421944/chakra-balance-things-to-know-before-you-buy