इस सवाल के जवाब में पीसी झा कहते हैं, "बेशक चंपई सोरेन अपनी दावेदारी पेश कर सकते थे. कल्पना सोरेन: सियासत में न होकर भी कैसे चर्चा के केंद्र में, आगे क्या होंगी चुनौतियां? उन्हें डर था कि चुनाव के बाद कहीं चंपई सोरेन के नेतृत्व में कोई प्रेशर ग्रुप https://www.samridhbharat.in/