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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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“ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे نومبر وہ نومبر کی سرد سی راتیں کیسے بھولوں تری ملاقاتیں .. पर आँखों से गिरे आँसू दर्द की आवाज़ कह जाते हैं। उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं सितारों https://youtu.be/Lug0ffByUck

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